कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन को और सुरक्षित व प्रभावी बनाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (डीजीसीए) ने 9-10 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण निरीक्षण किया।
इस निरीक्षण का उद्देश्य हवाई अड्डे के मौजूदा दृश्य उड़ान नियमों (वीएफआर) को यंत्र उड़ान नियमों (आईएफआर) में परिवर्तित करना है, जो कम दृश्यता की स्थिति में भी उड़ानों के संचालन की अनुमति देगा।
यह कदम भारत की तेजी से बढ़ती विमानन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
डीजीसीए के सहायक निदेशक (ऑपरेशंस), विमानपत्तन मानक, वेद प्रकाश प्रजापति ने दो दिनों तक हवाई अड्डे की सभी परिचालन सुविधाओं, जिसमें विमानन ग्राउंड लाइटिंग, एप्रन और आइसोलेशन बे की रात्रि रोशनी शामिल है, का गहन परीक्षण किया।